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संक्षिप्त स्कन्दपुराण - Skandha puran PDF by Gitapress

संक्षिप्त स्कन्दपुराण - Skandha puran PDF by Gitapress Upayogi Books

by Gita Press
(0 Reviews) February 24, 2023
Guru parampara

Latest Version

Update
February 24, 2023
Writer/Publiser
Gita Press
Categories
18 Puranas
Language
Hindi
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3.3 GB
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61
License
Free
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लोमशजी बोले-अठारह पुराणोमें परम पुरुष भगवान्‌ शिवको महिमाका गान किया गया है; अतः शिवजीके माहात्म्यका पूर्णतया वर्णन कोई भी नहीं कर सकता। जो लोग “शिव' इस दो अक्षरके नामका उच्चारण करेगे, उन्हें स्वर्गं ओर मोक्ष दोनों प्राप्त होँगे- इसमें तनिक भी सन्देह नहीं हे ।* महादेवजी देवताओंके पालक ओर सबका शासन करनेवाले है, वे बडे उदार (ओढरदानी) है, उन्होने अपना सब कुछ दूसरोको दे डाला है, इसीलिये वे ' सर्व" (या शर्व) कहे गये हँ । जो सदा कल्याण करनेवाले भगवान्‌ शिवका भजन करते हैँ, वे धन्य हँ । जिन्होने (दूसरोकी रक्षाके लिये) विष-भक्षण किया, दक्ष- यज्ञका विनाश किया, कालको दग्ध कर डाला ओर राजा श्वेतको संकटसे छुडाया, उन महादेवजीकी महिमाका वर्णन कौन कर सकता है ।

भारतीय संस्कृतिके मूलाधारके रूपमे वेदोके बाद पुराणोंका ही स्थान हे । वेदोमें वर्णित अगम रहस्योंतक 

जन-सामान्यकी पहुंच नहीं हो पाती, परन्तु पुराणोंकी मंगलमयी, ज्ञानप्रदायिनी दिव्य कथाओंका श्रवण-मनन 

ओर पठन-पाठन करके जन-साधारण भी भक्तितत्वके अनुपम रहस्यसे सहज ही परिचित हो सकते हैँ । 

महाभारतम कहा गया है--' पुराणसंहिताः पुण्याः कथा धर्मार्थसंश्रिताः।' ( महाभारत, आदि० ९। ९६ ) "अर्थात्‌ 

पुराणोंककी पवित्र कथाएँ धर्म ओर अर्थको प्रदान करनेवाली दें ।' अध्यात्मकी दिशामे अग्रसर होनेवाले 

साधकोंको पौराणिक कथाओंके अनुशीलनसे तत्त्वज्ञानकी प्राप्ति होती है। इसलिये भगवान्‌के दर्शनके लिये 

अथवा शारीरिक ओर मानसिक रोगकी निवृत्तिके लिये पुराणोंका पारायण करना चाहिये । 

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