ऋषिपुत्र होने के बावजूद रावण देवताओं का विरोधी क्यों बना? कौन सी साधनाएं की थीं उसने, जिन्होंने उसे बना दिया। अपराजेय? भगवान विष्ण को देवताओं से क्यों कहना पड़ा कि अभी वे रावण से आमने सामने युद्ध नहीं कर सकते ? ऐसे ही अनेक प्रश्नों की जानकारी तथा भगवान सदाशिव की उपासना के रहस्य इस संहिता ग्रंथ में प्रस्तुत हैं। इसके अलावा दिव्यास्त्रों के जाता दशानन के चमत्कारिक एवं गुह्य तंत्रशास्त्र तथा औषध विज्ञान का भी समुचित समावेश है इस ग्रंथ में।।