More About ब्रह्मवैवर्तपुराण हिन्दी टीका - Brahma Vaivarta Puran Gitapress PDF Free PDF Download
लोमशजी बोले-अठारह पुराणोमें परम पुरुष भगवान् शिवको महिमाका गान किया गया है; अतः शिवजीके माहात्म्यका पूर्णतया वर्णन कोई भी नहीं कर सकता। जो लोग “शिव' इस दो अक्षरके नामका उच्चारण करेगे, उन्हें स्वर्गं ओर मोक्ष दोनों प्राप्त होँगे- इसमें तनिक भी सन्देह नहीं हे ।* महादेवजी देवताओंके पालक ओर सबका शासन करनेवाले है, वे बडे उदार (ओढरदानी) है, उन्होने अपना सब कुछ दूसरोको दे डाला है, इसीलिये वे ' सर्व" (या शर्व) कहे गये हँ । जो सदा कल्याण करनेवाले भगवान् शिवका भजन करते हैँ, वे धन्य हँ । जिन्होने (दूसरोकी रक्षाके लिये) विष-भक्षण किया, दक्ष- यज्ञका विनाश किया, कालको दग्ध कर डाला ओर राजा श्वेतको संकटसे छुडाया, उन महादेवजीकी महिमाका वर्णन कौन कर सकता है ।
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