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फलित ज्योतिष विज्ञान - Phalit Jyotish Vigyan PDF

फलित ज्योतिष विज्ञान - Phalit Jyotish Vigyan PDF Upayogi Books

by Shri Bharatiya Yogi
(0 Reviews) September 25, 2023
Guru parampara

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September 25, 2023
Writer/Publiser
Shri Bharatiya Yogi
Categories
Astrology
Language
Hindi Sanskrit
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Free
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जिस समय जातक उत्पन्न हुआ है, यह समय यदि घड़ी, पल, विपल (पण्टा, मिनट, भिण्ड आदि की दृष्टि से बिल्कुल सही है तो फलित ज्योतिष उसके आधार पर सभी तथ्यों का पूरा ज्ञान करा देने में समर्थ होगी।

फलित ज्योतिष विज्ञान - Phalit Jyotish Vigyan PDF

ज्योतिष में फलित का स्थान अत्यन्त महत्वपूर्ण है क्योंकि फलित ने मानव जाति का बहुत उपकार किया है। संसार में आशा को प्राण माना जाता है, सभी प्राणी आशा के भरोसे जीवित रहते हैं । कभी- कभी देखते हैं कि निराशा हुआ तनुष्य प्राण देने तक पर उतारू हो जाते हैं। इस प्रकार निराश हुए व्यक्तियों द्वारा आत्मघात कर लेने की घट- नाए समय-समय पर होती रही हैं।


यदि निराशा में आशा का संचार हो जाय तो आत्मघात की स्थिति से बचना बहुत सम्भव होता है । अनेक विचारकों का मत है कि एक किरण भी समय पर दिखाई दे गई होती तो शायद वे आत्मघात का विचार त्याग देता और यह निश्चय है कि एक बार वैसा विचार त्यागने पर पुनः ज्ञायद ही उत्पन्न होता. क्योंकि वैसी भावुकता क्षणिक होती है, जो दूर होने पर पुनः उतनी उम्र नहीं हो पाती ।


फलित ज्योतिष सभी प्रकार की निराशाओं को क्षीण करके आशा का सचार करती है। कोई भी जातक कैसी भी गम्भीर स्थिति में ज्योतिषी के पास जाकर फलित ज्योतिष सम्बन्धी निष्कर्ष देने का निवे दन करे अथवा स्वयं ही फलित ज्योतिष की पुस्तकों का अवलोकन करके निष्कर्ष निकालना चाहे तो उसे आशा का बहुत कुछ अस्तित्व दिखाई दे जायगा ।


मनुष्य का भाग्य पत्तो से ढका हुआ है व्यक्त करने सम्बन्धी अनेक लोकोक्तियां वाचायों ने भी 'पुरुषस्य भाग्यं देवो न जानति' वह कर इसी की पुष्टि की है कि न जाने वह कव जाग उठे और मनुष्य को रंक से राजा ( धनवान बना दे। बाज जो व्यक्ति पैसे पैसे के लिए मारा- मारा दर-दर भटकता है, वह अच्छा समय आने पर कल ही लखपति हो सकता है। विभिन्न सरकारों द्वारा चलायी जाने वाली सारियाँ इसका प्रत्यक्ष प्रमाण प्रस्तुत करती हैं। प्रत्येक लाटरी का ड्रा, प्रत्येक चार न जाने कितनों को लखपति तथा धनवान बना देता है ।


यदि जीवन में निराश हुए व्यक्तियों को किसी प्रकार यह ज्ञान हो जाय कि उसकी लाटरी खुलने, उच्चपद पाने, अच्छी पत्नि मिलने या इच्छित सम्मान अथवा सन्तान आदि प्राप्त करने का रोग उनकी कुण्डली में विद्यमान है तो उनकी निराणा बिल्कुल नहीं तो अस्थायी रूप से तो दूर हो ही सकती है। फिर उनके मन मस्तिष्क में आत्मघात का विचार उठने की संभावना प्रायः नहीं रहती । ओर इस प्रकार का ज्ञान फलित ज्योतिष के द्वारा सरलता से होना सम्भव है । यदि जातक की जन्म कुण्डली ठीक बनी है अर्थात् जिस समय जातक उत्पन्न हुआ है, यह समय यदि घड़ी, पल, विपल (पण्टा, मिनट, भिण्ड आदि की दृष्टि से बिल्कुल सही है तो फलित ज्योतिष उसके आधार पर सभी तथ्यों का पूरा ज्ञान करा देने में समर्थ होगी।


किन्तु प्रायः ऐसी पुस्तकों का अभाव ही है जो कि फलित के इन पहलुओं को स्पष्ट कर सकें। इसलिए इसकी विशेष आवश्यकता और माँग को देखते हुए हमने 'फलित ज्योतिष विज्ञान' के नाम से प्रस्तुत पुस्तक प्रकाशित करने का निश्चय किया। इसके लेखन कार्य में श्री नारायणहरि गुप्त बी. ए. से हमें पर्याप्त सहयोग प्राप्त हुआ है,

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