माता लक्ष्मी किस बात से प्रसन्न होती हैं? Upayogi Books

7 min read आदरणीय सज्जनो! माता लक्ष्मी किस बात से प्रसन्न होती हैं? और हमें लक्ष्मीमाता से कैसा वरदान माँगना चाहिए? चलो भी आइए सुनते हैं एक छोटी सी लेकिन बेहद उपयोगी कहानी. January 03, 2024 08:26 माता लक्ष्मी किस बात से प्रसन्न होती हैं?

माता लक्ष्मी किस बात से प्रसन्न होती हैं?

एक दिन की बात है. नगर के एक धनी व्यक्ति को सपने में देवी लक्ष्मी के दर्शन हुए। उस समय माता लक्ष्मी ने व्यापारी से कहा, "अब मैं तुम्हारे घर से जा रही हूं। जाने से पहले तुम्हें जो भी चाहिए मुझसे मांग लेना।"

बिजनेसमैन कहते हैं, 'कल सुबह परिवार से सलाह करके पूछूंगा। सुबह जब वह उठा तो उसने अपने परिवार को अपने सपने के बारे में बताया। परिवार में किसी ने धन माँगने की बात कही, किसी ने महल माँगा। लेकिन व्यापारी की छोटी बहू चुपचाप खड़ी रही। ऊँ ने अपनी बहू से पूछा, “बहू, तुम लक्ष्मी माता से क्या चाहती हो?”

बहू ने कहा, "पिताजी, अगर लक्ष्मीमाता हमारे घर से जाना चाहती हैं, तो ये सभी खजाने जो हमने मांगे थे, देर-सवेर चले जाएंगे। हम आपस में लड़कर खुद ही सब कुछ नष्ट कर देंगे। आप वहां लक्ष्मीमाता से पूछिए।" हमारे परिवार में हमेशा सद्भाव बना रहेगा, जिससे हम हमेशा एक साथ रह सकते हैं।"

अगर हम सब इसी तरह एक साथ रहेंगे, तो मुश्किल दिन भी आसानी से गुजर जाएंगे।"व्यापारी को लगा कि छोटी बहू सही कह रही है। अगली रात लक्ष्मीजी ने व्यापारी से पूछा, "बताओ, तुम क्या माँगना चाहते हो?"

सरल भाषा में सनातन संस्कृति का अध्ययन करने के लिए गुरु परम्परा डाउनलोड करें


व्यापारी ने कहा, “हे देवी, आप इस घर से जाने से पहले हमें हमारे परिवार में आपसी प्रेम, सौहार्द और सद्भावना का वरदान दीजिये।”

उस धनवान व्यक्ति की इच्छा सुनकर माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न हुईं। मातालक्ष्मी ने प्रसन्न होकर कहा, "आपने ऐसा वरदान माँगा है कि अब मैं आपका घर नहीं छोड़ सकती। क्योंकि मैं आपसी प्रेम, स्नेह और सद्भावना वाले परिवार से कभी दूर नहीं रह सकती।

आपको मेरा पूरा आशीर्वाद है - प्रिय महोदय! आपके घर में सदैव आपसी प्रेम और सद्भाव बना रहे।” इतना आशीर्वाद देकर मां लक्ष्मी ध्यानमग्न हो गईं.

आदरणीय सज्जनो! आपको यह कहानी कैसी लगी? कृपया टिप्पणी करें। अब तक हमारा समर्थन करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

 प्रारम्भिक रचनानुवाद कौमुदी Prarambhik Rachananuvad Kaumudi PDF Downoad करें


(१) रचनानुवाद पुस्तक लेखन का उद्देश्य-

यह पुस्तक कतिपय विशेष उद्देश्यों को लक्ष्य में रखकर लिखी गयी है। उनमें से विशेष उल्लेखनीय ये हैं:-

(क) संस्कृत के प्रौढ विद्यार्थियों को प्रौढ संस्कृत सिखाना।

(ख) अति सरल और सुबोध ढंग से अनु- बाद और निबन्ध सिखाना।

(ग) २ वर्ष में प्रौढ संस्कृत लिखने और बोलने का अभ्यास कराना ।

(घ) अनुवाद के द्वारा सम्पूर्ण व्याकरण सिखाना।

(ङ) संस्कृत के मुहावरों का वाक्य-रचना के द्वारा प्रयोग सिखाना।

(च) प्रौढ संस्कृत-रचना के लिए उपयोगी समस्त व्याकरण का अभ्यास कराना।

User Comments (0)

Add Comment
We'll never share your email with anyone else.