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बृहद्ज्जातकम् - Brihadjjatakam वराह मिहिर PDF

बृहद्ज्जातकम् - Brihadjjatakam वराह मिहिर PDF - Upayogi Books

by P Mahidhar Sharma
(0 Reviews) September 28, 2023
Guru parampara

Latest Version

Update
September 28, 2023
Writer/Publiser
P Mahidhar Sharma
Categories
Astrology
Language
Hindi Sanskrit
File Size
76.21 MB
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1,106
License
Free
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More About बृहद्ज्जातकम् - Brihadjjatakam वराह मिहिर PDF Free PDF Download

बृहज्जातकम् या 'वृहत जातक' वराहमिहिर द्वारा रचित पाँच प्रमुख ग्रन्थों में से एक है। उनके द्वारा रचित अन्य ४ ग्रन्थ ये हैं- पंचसिद्धान्तिका, बृहत्संहिता, लघुजातक, और योगयात्रा।

बृहद्ज्जातकम् - Brihadjjatakam वराह मिहिर PDF

इसके साथ ही यह ग्रन्थ हिन्दू ज्योतिष के ५ प्रमुख ग्रन्थों में से एक है, अन्य चार ग्रन्थ ये हैं- कल्याणवर्मा कृत सारावली, वेंकटेश कृत सर्वार्थ चिन्तामणि, वैद्यनाथ कृत जातक पारिजात, मन्त्रेश्वर कृत फलदीपिका।

550 ई. के लगभग इन्होंने तीन महत्वपूर्ण पुस्तकें बृहज्जातक, बृहत्संहिता और पंचसिद्धांतिका, लिखीं। इन पुस्तकों में त्रिकोणमिति के महत्वपूर्ण सूत्र दिए हुए हैं, जो वराहमिहिर के त्रिकोणमिति ज्ञान के परिचायक हैं।

पंचसिद्धांतिका में वराहमिहिर से पूर्व प्रचलित पाँच सिद्धांतों का वर्णन है। ये सिद्धांत हैं : पोलिशसिद्धांत, रोमकसिद्धांत, वसिष्ठसिद्धांत, सूर्यसिद्धांत तथा पितामहसिद्धांत। वराहमिहिर ने इन पूर्वप्रचलित सिद्धांतों की महत्वपूर्ण बातें लिखकर अपनी ओर से 'बीज' नामक संस्कार का भी निर्देश किया है, जिससे इन सिद्धांतों द्वारा परिगणित ग्रह दृश्य हो सकें। इन्होंने फलित ज्योतिष के लघुजातक, बृहज्जातक तथा बृहत्संहिता नामक तीन ग्रंथ भी लिखे हैं। बृहत्संहिता में वास्तुविद्या, भवन-निर्माण-कला, वायुमंडल की प्रकृति, वृक्षायुर्वेद आदि विषय सम्मिलित हैं।

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