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ज्योतिष सर्व संग्रह - Jyotish Sarva Sangraha

ज्योतिष सर्व संग्रह - Jyotish Sarva Sangraha Upayogi Books

by P. Ram Swarup Sharma
(0 Reviews) December 24, 2024
Guru parampara

Latest Version

Update
December 24, 2024
Writer/Publiser
P. Ram Swarup Sharma
Categories
Astrology
Language
Hindi Sanskrit
File Size
18.5 MB
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1,132
License
Free
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More About ज्योतिष सर्व संग्रह - Jyotish Sarva Sangraha Free PDF Download

ज्योतिष सिखने का सबसे आसान पुस्तक है जो पं. रामस्वरुप शर्मा जी ने लिखा है

ज्योतिष सर्व संग्रह - Jyotish Sarva Sangraha free PDF Download

बारह राशियों के नाम

१ मेष, २ वृष, ३ मिथुन, ४ कर्क, ५ सिंह, ६ कन्या, ७ तुला, ८ वृश्चिक, ६ धंनु, १० मकर, ११ कुम्भ और १२ मीन ।


दिनमान देखना

साठ घड़ी का एक दिन होता है। कभी दिन बड़ा हो जाता है और कभी रात बड़ी हो जाती है। एक घड़ी के ६० पल होते हैं । ६० पल की एक घड़ी और एक पल के ६० विपल होते हैं । २ पल का १ मिनट होता है। २४ मिनट की १ घड़ी होती है। २ घड़ी का एक घंटा और २४ घण्टों का एक दिन-रात होता है। एक नक्षत्र के चार चरण होते हैं यानी चार अक्षर । जब किसी बालक का जन्म हो, उस दिन देखना है कि कौन-सा चरण है तो उस नक्षत्र के चार भाग कर लें। जब वह नक्षत्र आरंभ हुआ हो और जब तक रहे । जैसे-अश्विनी नक्षत्र में जन्म हुआ है तो देखो कि यह नक्षत्र ६० घड़ी भोग करता है, तो पन्द्रह-पन्द्रह घड़ी के चार चरण हुए। जो नक्षत्र ६० घड़ी से कम या अधिक हो तो उतनी ही घड़ियों को चार जगह बाँटें तो जितनी बाँट में आये, उतनी ही घड़ियों, पलों का एक नक्षत्र का एक चरण जानें। जिस चरण में जन्म हो, उसी चरण का अक्षर नक्षत्र के नाम में पहले आता है। इसका कुछ प्रमाण नहीं है कि एक नक्षत्र ६० ही घड़ी भोगे। जो पण्डित ६० घड़ी लगाते हैं, उनके लगाने से राशि में अन्तर आ जाता है। देखिये कि अश्विनी नक्षत्र में जन्म हुआ तो यह देखें कि कौन-से चरण में हुआ ? उसी चरण के अक्षर पर नाम धरें । जैसे- चू, चे, चो, ला- अश्विनी। पहले चरण का अक्षर चू है, दूसरे का चे है, तीसरे का चो है, चौथे का ला है। जो चू पर लड़के का जन्म हो तो चुन्नी । लड़की का जन्म हो तो चुनिया। चे पर चेतराम। चो पर चोबसिंह, चोलावती । ला पर लालमणि या लालो। सब नक्षत्रों पर ऐसे ही नाम रखें। ब्राह्मण के यहाँ 'शर्मा' लगाकर लिखें । क्षत्रियों के यहाँ 'वर्मा' । वैश्य के यहाँ गुप्त तथा शूद्र के यहाँ 'दास' व 'चौधरी' करके लिखना चाहिए। जिस नक्षत्र के चरण में लड़के या लड़की का जन्म होगा, उसका वही नक्षत्र होगा। जैसे-यह ४ अक्षरों का नक्षत्र है, इसी प्रकार चार-चार अक्षरों के २८ नक्षत्र हैं। उन २८ नक्षत्रों के नाम तथा अक्षर आगे लिखे हैं।

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