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गया महात्म्य कथा -Gaya Mahatmya Katha in Hindi PDF

गया महात्म्य कथा -Gaya Mahatmya Katha in Hindi PDF Upayogi Books

by Babu Madhava
(0 Reviews) October 01, 2023
Guru parampara

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October 01, 2023
Writer/Publiser
Babu Madhava
Categories
Religious
Language
Hindi
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31.79 MB
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Free
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जिस जिस पिता के लिए यहाँ पिंडदान दिया जावे ब्रह्मलोक वासी हों और पापों से मुक्त हों

गया महात्म्य कथा -Gaya Mahatmya Katha in Hindi PDF

विष्णु भगवान ने कहा हे असुर ! मैं तुमसे अति प्रसन्न हूँ बर माग। तब गयासुर बोला हे नाथ ! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो यह बर दीजिये कि जब तक चन्द्रमा पृथ्वी पर हैं तब तक मेरे ऊपर इस शिला पर सव देवता वर्तमान रहें और यह तीर्थ मेरे नाम से प्रसिद्ध हो । यहाँ स्नान तर्पत दान पुण्यकरने से मञुष्याँ को सब तीर्थो' से ज्यादा फल हो और गदाधर भगवान के दशन से मलुष्यों के हजार कुल तर जावें जिस जिस पिता के लिए यहाँ पिंडदान दिया जावे ब्रह्मलोक वासी हों और पापों से मुक्त हों। e 
गयासुर का बचन सुन बिष्णु भगवानने कहा कि ऐसा ही होगा? इसके उपरान्त ब्राह्मणों को बहुत सा द्रव्य दान देकर अयाच्य कर दिया । कुछ काल बीतने पर ब्राह्मणों ने द्रव्य याचकर धर्म यज्ञ किया

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