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हनुमान बाहुक सटीक - Hanuman bahuk with meaning PDF

हनुमान बाहुक सटीक - Hanuman bahuk with meaning PDF Upayogi Books

by Gita press
(0 Reviews) September 25, 2023
Guru parampara

Latest Version

Update
September 25, 2023
Writer/Publiser
Gita press
Categories
Stotras
Language
Hindi Sanskrit
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3.9 MB
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Free
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More About हनुमान बाहुक सटीक - Hanuman bahuk with meaning PDF Free PDF Download

यह वही ४४ पद्योंका 'हनुमानबाहुक' नामक प्रसिद्धस्ती है। हरिभक श्रीहनुमानजी के उपासक निरन्तर इसका पाठ करते हैं और अपने वांछित मनोरथको प्राप्त करके प्रसन्न होते हैं।

हनुमान बाहुक सटीक - Hanuman bahuk with meaning PDF

प्रस्तावना

संवत् १६६४ विक्रमान्द लगभग गोस्वामी तुलसीदासजी हु तस्याधिक पीड़ा उत्का हुई थी और फोड़े-फुंसियोंके कारण सारा शरीर वेदनाका स्थान-सा बन गया था औषध मन्त्र मन्त्र त्रोटक आदि किये गये किन्तु घटनेके बदले रोग दिनोंदिन बढ़ता ही जाता था। अग्रहीय कोंसे हताश होकर अन्त उसको निवृत्तिके लिये गोस्वामी सीमाको चन्दना आरम्भ को अंजनी कुमारको कृपासे उनकी सारी व्यथा नष्ट हो गयी। यह वही ४४ पद्योंका 'हनुमानबाहुक' नामक प्रसिद्धस्ती है। हरिभक्त श्रीहनुमानजी के उपासक निरन्तर इसका पाठ करते हैं और अपने वांछित मनोरथको प्राप्त करके प्रसन्न होते हैं। संकटके समय इस सद्यः फलदायक स्तोत्रका श्रद्धा-विश्वासपूर्वक पाठ करना रामभक्तोंके लिये परमानन्ददायक सिद्ध हुआ है। मेरे कनिष्ठ बन्धु पं० बेनीप्रसाद मालवीय जो इस समय पुलिस ट्रेनिंग स्कूल, मुरादाबादमें प्रोफेसर हैं, श्रीहनुमानजीके अत्यन्त प्रेमी भक्त हैं। उन्होंके अनुरोधसे मैंने बाहुककी यह टीका तैयार की है। आशा है, रामानुरागी सक्षमको बाहुकके का भावार्थ समझने में इससे बहुत कुछ सहायता प्राप्त होगी।


मिति चैत्र शुक्ल सोमवार संवत् १९९० विक्रमीय 

महावीरप्रसाद मालवीय 'वीर' ज्ञानपुर बनारस स्टेट (मिर्जापुर)


श्रीमद्गोस्वामितुलसीदासकृत

हनुमानबाहुक

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